Arz kiya hai shayari

अर्ज किया है अब तो ”दिल” का हर दर्द हम सह लेंगे झाड़ू पोछा के साथ बर्तन भी धो लेंगे।

अर्ज़ किया है, यारों ! कि दो और दो चार होते हैं तुम्हारी आँखों से निकले तीर सीधे दिल के पार होते हैं

अर्ज़ किया है…… उनकी गली से गुज़रे तो उनका चहेरा नज़र आया वाह वाह..! सका बाप बहार आ कर बोला- हाथ जोड़ी तोड़ दूंगा जो दोबारा नजर आया..!

अर्ज किया है …. गए दिन के तनहा था मैं अंजुमन में यहां अब मेरे राज़दाँ और भी हैं सितारों से आगे जहां और भी हैं अभी इश्क़ के इम्तिहाँ और भी हैं

अर्ज किया है… ना इश्क करो झूठा, ना प्यार करो फर्जी, ना इश्क़ करो झूठा, ना प्यार करो फर्जी, आगे नही बताऊंगा, मेरी शायरी मेरी मर्जी

अर्ज किया है…! यूं ना किसी के दिल से खेलो….. रिप्लाई नहीं देना है तो फोन बेच कर रेडियो ही ले लो

तेरे चेहरे पर उदासी, आँखों में नमी है, तेरे चेहरे पर उदासी, आँखों में नमी है, टाटा नमक इस्तेमाल करो, क्योंकि तुम में आयोडीन की कमी है।