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Bewafa shayari
वो बेवफा हमारा इम्तेहा क्या लेगी… मिलेगी नज़रो से नज़रे तो अपनी नज़रे झुका लेगी… उसे मेरी कब्र पर दीया मत जलाने देना… वो नादान है यारो… अपना हाथ जला लेगी.
मेरी वफा के क़ाबिल नही हो तुम प्यार मिले ऐसे इन्सान नही हो तुम दिल क्या तुम पर ऐतबार करेगा प्यार मे धोखा दिया ऐसे बेवफा हो तुम।
बेवफा से दिल लगा लिया नादान थे हम, गलती हमसे हुई क्योंकि इंसान थे हम, आज जिन्हें नज़रें मिलाने में तकलीफ होती है, कुछ समय पहले उनकी जान थे हम..!!
मैंने कितनी मोहब्बत की थी, उससे मैंने उससे कितना चाहा था, पर उसने तो मेरा दिल ही तोड़ा है हमेशा, जब कि मैंने उसे अपना सब कुछ माना था।
ऐसा कोई टेस्ट नहीं जो आपने ना लिया हो, इंसान आखिर मोहब्बत में इंसान ना रहा, है कोई बस्ती, जहां से ना उठा हो ज़नाज़ा दीवाने का, प्रेमी की कुर्बत से महरूम कोई श्मशान ना रहा।
ये बेवफा वफा की कीमत क्या जाने ये बेवफा गम-ए-मोहब्बत क्या जाने जिन्हें मिलता है हर मोड पर नया हमसफर वो भला प्यार की कीमत क्या जाने
किस-किस को तू खुदा बनाएगी, किस-किस की तू हसरतें मिटाएगी, कितने ही परदे डाल ले गुनाहों पे, बेवफा तू बेवफा ही नजर आएगी..!!
सोचते सोचते अक्सर रोने लग जाता हूँ, तेरे दिल तोड़ जाने के बाद किसीसे बात ना कर पाता हूँ
बड़ा अजीब दस्तूर है इस दुनिया का बेवफाई दिलबर करता है लेकिन… बदनाम सरेआम मोहब्बत होती है…
तेरी बेवफाई का गम तो नहीं, मगर तू बेवफा है, दुःख ये भी काम नहीं।।
Bewafa dard bhari shayari | दर्द भरी बेवफा शायरी इन हिंदी
सिर्फ एक ही बात सीखी इन हुस्न वालों से हमने,हसीन जिसकी जितनी अदा है वो उतना ही बेवफा है।
दिल भी तोड़ा तो सलीक़े से न तोड़ा तुम ने बेवफ़ाई के भी आदाब हुआ करते हैं
मुझसे बिछड़ कर भी वो लड़की कितनी ख़ुश ख़ुश रहती है उस लड़की ने मुझसे बिछड़ कर मर जाने की ठानी थी
काम आ सकीं ना अपनी वफ़ाएं तो क्या करें, उस बेवफा को भूल ना जाएं तो क्या करें..!!
जाने क्या मुझसे यह ज़माना चाहता है, मेरा दिल तोड़कर मुझे ही हसना चाहता है, जाने क्या बात झलकती है मेरे चेहरे से, हर शख्स मुझे आज़माना चाहता है।
वो हमें भूल कर खुश हो पाएंगे, साथ नहीं तो मेरे जाने के बाद मुस्कुराओगे, दुआ है ईश्वर से की उन्हें कभी दर्द ना देना,हमने सहन किया है लेकिन वे टूट जाएंगे।
ऐ दोस्त कभी ज़िक्र-ए-जुदाई न करना, मेरे भरोसे को रुस्वा न करना, दिल में तेरे कोई और बस जाये तो बता देना, मेरे दिल में रहकर बेवफाई न करना।
आँखों में आँसू आ गए ये सोच कर, दुनिया तो बेवफा थी पर उसको क्या हुआ।।
आप बेवफा होंगे सोचा ही नहीं था, आप भी कभी खफा होंगे सोचा नहीं था, जो गीत लिखे थे कभी प्यार में तेरे, वही गीत रुसवा होंगे सोचा ही नहीं था।
तेरा ख्याल दिल से मिटाया नहीं अभी, बेवफा मैंने तुझको भुलाया नहीं अभी..!!
वो कब थी तुम्हारी दोस्त जो छोड़ने की बात कर रहे हो, शायद तुम्हें ही गलतफहमी है जो इसे बिछड़ना नाम दे रहे हो..!!
मैंने भी किसी से प्यार किया था उनकी रहो में इंतजार किया था हमें क्या पता वो भूल ज्यांगे हमें कसूर उनका नहीं मेरा ही था जो एक बेवफा से प्यार किया था।
हसीन चेहरा बेवफाई दिखाता है, झूठे प्यार का एहसास दिलाता है, हर वक्त जो दर्द दे वो ही क्या सच्चा प्यार कहलाता है
तेरी चौखट से सिर उठाऊं तो बेवफा कहना, तेरे सिवा किसी और को चाहूँ तो बेवफा कहना, मेरी वफाओं पे शक है तो खंजर उठा लेना, मैं शौक से मर ना जाऊं तो बेवफा कहना।
मोहब्बत मे जी गया कोई प्यार मे मर गया कोई, मोहब्बत आग को सागर हे फिर भी उतार गया कोई, प्यार मे ज़ख़्म का किस्सा बहोत पुराना हे दोस्तो, ज़ख़्म दे गया कोई तो ज़ख़्म भर गया कोई
जहाँ से जी न लगे तुम वहीं बिछड़ जाना मगर ख़ुदा के लिए बेवफ़ाई न करना
जनाजा मेरा उठ रहा था, तकलीफ थी उसको आने में, बेवफा घर में बैठी पूछ रही थी, और कितनी देर है इसको दफनाने में।
वफादार और तुम….?? ख्याल अच्छा है बेवफा और हम…?? इल्जाम भी अच्छा है
यू बदलने का अंदाज जरा हमें भी सिखा दो जैसे हो गए हो तुम बेवफा वैसे हमें भी बना दो।
बेवफाई का नाम तो बहुत सुना था, लेकिन आज इसका अनुभव हो चुका है, और ऐसा करने के लिए बेवफा करना मेरे अपने भाग्य के अलावा कोई और नहीं, जो प्रेम से भरा हुआ है, अधूरा रह गया है।
बेवफ़ाई का मुझे… जब भी ख़याल आता है, अश्क़ रुख़सार पर आँखों से निकल जाते हैं।
आशिकी और मोहब्बत इनसे कुछ इस कदर हो गई थी, उनके बिना नहीं रहने की हमें आदत हो गई थी, हमने कितना चाहा उन्हें, पर उन्हें फिर भी दिल तोड़ने की फितरत हो गई थी।
काश कैद कर ले वो पागल, मुझे अपनी डायरी में… जिसका नाम छिपा होता है मेरी हर शायरी में…
एक दिन ऐसा भी आया जिन्दगी में की, मैंने तेरा नाम सुनकर मुस्कुराना छोड़ दिया !!
मुझसे मेरी वफ़ा का सबूत मांग रहा है खुद बेवफ़ा हो के मुझसे वफ़ा मांग रहा है.
रो पड़ा है आसमा भी मेरी वफ़ा को देख कर देख तेरी बेवफाई की बात बादलों तक जा पहुंची।।
हमने वक़्त से बहुत वफ़ा की लेकिन वक़्त हमसे बेवफ़ाई कर गया, कुछ तो हमारे नसीब बुरे थे, कुछ उनका हमसे जी भर गया।।
खुदा ने पूछा क्या सजा दूँ उस बेवफा को, दिल ने कहा मोहब्बत हो जाए उसे भी, और कोई छोड़ के चले जाये उसे भी !
अपने गुरुर को आजमाने की जिद्द थी वरना, हमें ये मालूम था की तुम बेवफा हो जाओगे।
प्रेम ने हम पर ये इल्जाम लगाया है, वफ़ा कर के बेबफा का नाम आया हैं, राहें अलग नहीं थी हमारी फिर भी, हम ने अलग अलग मंज़िल को पाया हैं।
वादे करते हैं हज़ार पूरे कर ना पाते हैं, खत्म कर देते हैं रिश्ते अंत तक ना निभाते हैं, आखिर वही दिल तोड़ चले जाते हैं, जिन्हें हम सबसे ज्यादा चाहते हैं।।
प्यार में जो तूने मुझे बेवफाई की सजा दी… मेरी वफाओं का कुसूर क्या था इतना तो बता दिया होता…
बेवफा से दिल लगा लिया नादान थे हम, गलती हमसे हुई क्योंकि इंसान थे हम, आज जिन्हें नज़रें मिलाने में तकलीफ होती है, कुछ समय पहले उनकी जान थे हम।
तुम क्या जानो बेवफाई की हद ये दोस्त, वो हमसे इश्क सीखता रहा किसी और के लिए !
कभी ग़म तो कभी तन्हा मार गयी, कभी याद आ कर उनकी जुदाई मार गयी, बहुत टूट कर चाहा जिसको हमने, आखिर में उनकी ही बेवफाई मार गयी
मत रख हमसे वफा की उम्मीद ऐ सनम, हमने हर दम बेवफाई पायी है, मत ढूंढ हमारे जिस्म पे जख्म के निशान, हमने हर चोट दिल पे खायी है।
तराजू मोहब्बत का था, बेवफाई भारी पड गयी!!
काम आ सकीं ना अपनी वफ़ाएं तो क्या करें, उस बेवफा को भूल ना जाएं तो क्या करें।
जिस गुलशन को मैने लहू से सजाया था, हर फूल को मैने खून-ए-जिगर पिलाया था, उससे वीरान कर दिया तेरी बेवफ़ाई ने, और मैने तुझको वफ़ा की देवता बनाया था.