399+ Best Love shayari in Hindi romantic | शायरी लव रोमांटिक 2 Line
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gf के लिए रोमांटिक शायरी
तेरी मुस्कान पर ये दिल दीवाना हो गया
तेरी मोहब्बत में मैं फना हो गया.!!
इश्क़ ने ‘ग़ालिब’ निकम्मा कर दिया
वर्ना हम भी आदमी थे काम के…
बेनाम मोहब्बत दिल में दबा रखी है,
तेरी चाहत सपनों में सजा रखी है,
ये दुनियाँ बदले पर तुम ना बदलना,
ये उम्मीद सिर्फ तुमसे लगा रखी है !
दिल एक है तो कई बार क्यों लगाई जाये
बस एक इश्क़ बहुत है अगर निभाया जाये…
इश्क है वही जो हो एक तरफा;
इजहार है इश्क तो ख्वाईश बन जाती है;
है अगर इश्क तो आँखों में दिखाओ;
जुबां खोलने से ये नुमाइश बन जाती है।
मेरे दिल में तेरे लिए प्यार आज भी है
माना कि तुझे मेरी मोहब्बत पर शक आज भी है
नाव में बैठकर जो धोए थे हाथ तूने
पूरे तालाब में फैली मेंहदी की महक आज भी है ।
चेहरे पर हंसी छा जाती है,
आँखों में सुरूर आ जाता है,
जब तुम मुझे अपना कहते हो,
मुझे खुद पर गुरुर आ जाता है।
इस दर्जा है मुसल्लत दीवानगी का आलम
दीवानगी भी मुझको दीवाना कह रही है..
दुनिया में तेरे इश्क़ का चर्चा न
करेंगे मर जायेंगे लेकिन तुझे रुसवा
न करेंगे गुस्ताख़ निगाहों से अगर
तुमको गिला है हम दूर से भी अब
तुम्हें देखा न करेंगे।
सफर वही तक जहाँ तक तुम हो,
नज़र वही तक जहाँ तक तुम हो,
वैसे तो हज़ारों फूल खिलतें हैं गुलशन में मगर,
खुशबू वही तक जहाँ तक तुम हो।
मेरे ख़ामोश होठों पर
मोहब्बत गुनगुनाती है,
तू मेरी है मै तेरा हूं,
बस यही आवाज़ आती है।
Love shayari in Hindi romantic
क्या कहूँ
तुमसे मैं, क्या है इश्क,
जान का रोग है
बला है इश्क
दीवानगी तो हम कर बैठे हैं इश्क़ में
उनके घर जाकर अपने घर का पता पूछते हैं..
याद ऐसे करो की हद्द न हो,
भरोसा इतना करो कि शक न हो,
इंतज़ार इतना करो कि कोई वक़्त न हो,
प्यार ऐसे करो की कभी नफरत न हो…
होती नहीं है मोहोब्बत सूरत से
मोहब्बत तो दिल से होती है
सूरत उनकी खुद -ब -खुद लगती है
प्यारी कदर जिनकी दिल में होती है।
मोहब्बत करनी है, फिर से करनी है,
बार बार करनी है, हज़ार बार करनी है,
लेकिन सिर्फ तुमसे ही करनी है।
लफ़्ज़ों से तुम मेरी तारीफ कर लो..
इश्क हम तेरी आंखो में ढूँढ लेंगे
ख़्वाहिश है पहुंचूं इश्क़ के मैं उस मक़ाम पर
जब उनका सामना मेरी दीवानगी से हो..
तुम्हें देखते हैं तो दिल में ऐसी दस्तक
होती है,जैसे सागर में लहरों की हलचल
होती है,सोचा था कभी तुम्हें बता ना पाएंगे,
इन आँखों में तुम्हारी सूरत हर पल होती है।
अब हमें उनसे मोहब्बत सी हो गई है,
पहली नजर से वो दिल में बस गई है,
चाहकर भी हम उसे भूल नही सकते,
उनकी सांसो से अब मेरी सांसे जूड गई।
थोड़े गुस्से वाले थोड़े नादान हो तुम,
पर जैसे भी हो मेरी जान हो तुम।
इश्क ने कब इजाजत ली है आशिकों से,
वो होता है और होकर
ही रहता है
प्यार सिर्फ जताने का नहीं,
निभाने का नाम होता है!!…
जो प्यार जता देते हैं,
वह निभाने में कसर छोड़ जाते हैं!!..
दीवानगी की ऐसी मिलेगी कहाँ मिसाल
काँटे ख़रीदता हूँ गुलाबों के शहर में..
बेहद रोमांटिक शायरी
तुझे क्या देखा खुदा को ही भूल
गया हम इस कदर की अपने
घर आये तो औरों से पता पूछकर
अपने घर का ही।
सामने होते हो तो कुछ कह नही पाते,
पर यह सच है बिन तेरे हम रह नही पाते।
इश्क़ है या कुछ और ये तो
पता नहीं ,
पर जो तुमसे है वो किसी
और से नही.
तेरे दिल मैं मेरी साँसों को पनाह मिल जाये
तेरे इश्क़ में मेरी जान फ़ना हो जाये..
इश्क़ है या इबादत
अब कुछ समझ नहीं आता ,
एक खूबसूरत ख्याल हो तुम
जो दिल से नहीं जाता।
इश्क़ का समुन्दर भी क्या समुन्दर ,
जो डूब गया वो इश्क़
और जो बच गया वो दीवाना।
होश वालों को ख़बर क्या बे-ख़ुदी क्या चीज़ है
इश्क़ कीजे फिर समझिए ज़िंदगी क्या चीज़ है..
इश्क़ तो खुद ही हो जाता है,
दिल भी अपना खो जाता है,
जब ऐसा हो जाता है…
तो दिल बेकरार हो जाता है..
हम इस तरह तुम पर मर मिटेंगे,
तुम जहा भी देखोगे
केवल हम ही दिखेंगे।
तुम हकीकत-ऐ-इश्क़ हो
या फरेब मेरी आँखों का ,
ना दिल से निकलते हो
ना मेरी ज़िंदगी में आते हो।
शायरी लव रोमांटिक 2 line
बहुत खुबसुरत होती हैं एक तरफा इश्क़…
ना कोई शिकायत होती हैं ना कोई बेवफा कहलाता है..!!
चुपके चुपके रात दिन आँसू बहाना याद है
हम को अब तक आशिक़ी का वो ज़माना याद है..
काश मेरा घर तेरे घर के करीब होता,
बात करना ना सही
देखना तो नसीब होता।
होशवालों को खबर क्या
कि बेखुदी क्या चीज़ है,
इश्क़ कीजिये फिर समझिये
कि ज़िंदगी क्या चीज़ है।
यह मेरा इश्क़ था या फिर दीवानगी की इन्तहा,
कि तेरे करीब से गुज़र गए तेरे ही ख्याल से!
ऐ इश्क, तुझे पाने की कोई राह नहीं;
तू तो उसे ही मिलेगी, जिसे तेरी परवाह नहीं।
क्या कहू तुमसे कि क्या है इश्क़ ,
जान का रोग और बला है इश्क़।
जब होना होता है
तब होके रहता है ,
ये इश्क़ है इस पर
किसका ज़ोर चलता है।
मेरी यादो मे तुम हो, या मुझ मे ही तुम हो,
मेरे खयालो मे तुम हो, या मेरा खयाल ही तुम हो,
दिल मेरा धडक के पूछे, बार बार एक ही बात,
मेरी जान मे तुम हो, या मेरी जान ही तुम हो ।
इक बात कहूँ इश्क़ बुरा तो नहीं मानोगे,
बड़ी मौज के थे दिन, तुमसे पहचान से पहले।
Two line urdu shayari in hindi
खतरनाक लव स्टोरी शायरी
उसके जैसी आँखें दूसरी कहाँ बनी है,
उन आँखों में खोने वाले कभी न मिले,
मैं ही नहीं पागल हुआ उसके इश्क़ में,
उसके दीवानो की पूरी बस्तियां भरी हैं….
इश्क़ लिखने को इश्क़ होना बहुत जरूरी है
जहर का स्वाद बिना पिए कोई कैसे बताएगा
खुदा ने….
मेरे दिल में ऐसे शख़्स के लिए मोहब्बत डाली,
जिसे देखना तो दूर की बात,
मैं उसकी आवाज़ सुनने को भी तरस रही…
इश्क में तेरे जागा वर्षों और तन्हाई बनी रही,
धूप रही मेरे चौतरफा पर पुरबाई बनी रही।
आप खुश नही के आप पर खुदा मेहरबां है,
आपको तो खुश होना चाइये के
आपके हिस्से मे हम जो आ गये,
एक उमर बीत चली है तुझे चाहते हुए,
तू आज भी बेखबर है कल की तरह..!
मोहब्बत में नहीं है फ़र्क़ जीने और मरने का
उसी को देख कर जीते हैं जिस काफ़िर पे दम निकले..
तू आशिक है मेरा,
मैं तेरी दीवानगी मोहब्बत में सनम,
मैं तेरी हो चली
करूँगा क्या –
जो मोहब्बत में हो गया नाकाम।
मुझे तो और कोई काम भी नहीं आता।
लगता है इश्क़ अपने
उसूलों पे कायम ही रहेगा ,
ये कल भी तकलीफ देता था
और आगे भी तकलीफ देगा।
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उसे पाना, उसी खोना,उसी के लिए रोना,
अगर यही इश्क़ है तो हम तनहा ही अच्छे हैं..
इश्क़ का रोग है
कसम से जाता ही नहीं ,
गले में मैंने सारे
ताबीज़ डालकर देख लिए।
इस कदर ये इश्क़ ऐसी साजिशें रचता है ,
कि मेरे चेहरे में उसका चेहरा दिखता है
बंदगी में इश्क़ सी दीवानगी पैदा करो
एक दम ‘आसिम’ दुआओं में असर आ जाएगा
इश्क़ ने हमे बेनाम कर दिया,
हर खुशी से हमे अंजान कर दिया,
हमने तो कभी नही चाहा की हमे
भी मोहब्बत हो, लेकिन तुम्हारी एक
नज़र ने हमे नीलाम कर दिया.
मेरा तुझसे लड़ना तो एक बहाना है,
मुझे तो तेरे साथ सिर्फ वक्त बिताना है।
ये इश्क़ के इन्तहा थी
या दीवानगी मेरी,
हर सूरत में मुझे
सूरत तेरी नज़र आने लगी.
वही दीवानगी मेरी है बहार आने दो
देख कर लड़कों की सूरत को बहल जाऊँगा..
क्या हसीन इत्तेफाक था तेरी गली
में आने का,किसी काम से आये थे
और किसी काम के ना रहे।
रख लूं नजर में चेहरा तेरा
दिन रात इसी पे मरता रहूं,
जब तक ये सांसे चलती रहें,
मैं तुझसे मोहब्बत करता रहूं।
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दिल रोमांटिक शायरी
खुदा तू इश्क न करना
वरना बहुत पछतायेगा,
हम तो मर के तेरे पास आयेंगे
तू कहाँ जायेगा?
हम एस कदर तुम पर मर मिटेंगे
तुम जहाँ देखोगे तुम्हे हम ही दिखेंगे..
बरसों से कायम है इश्क़ अपने उसूलों पर,
ये कल भी तकलीफ देता था ये आज भी तकलीफ देता है…
तन्हाई मे मुस्कुराना भी इश्क़ है,
इस बात को सब से छुपाना भी इश्क़ है,
यूँ तो रातों को नींद नही आती
पर रातों को सो कर भी जाग जाना इश्क़ है
किसी को गुलाब देना इश्क़ नहीं
उसे गुलाब की तरह रखना इश्क़ है।
इश्क की गहराईयों में..
खूबसूरत क्या है..!!
एक मैं हूँ, एक तुम हो और ज़रुरत क्या है..!!
तेरे इश्क की दुनिया में हर कोई मजबूर है;
पल में हँसी पल में आँसू ये चाहत का दस्तूर है;
जिसे मिली न मोहब्बत उसके ज़ख्मो का कोई हिसाब नहीं;
ये मोहब्बत पाने वाला भी दर्द से कहाँ दूर है।
इश्क़ करने का इरादा न था
बस यूँ ही हो गया देखते देखते…
इश्क़ ने हमे बेनाम कर दिया,
हर खुशी से हमे अंजान कर दिया,
हमने तो कभी नही चाहा की हमे
भी मोहब्बत हो,
लेकिन तुम्हारी एक नज़र ने
हमे नीलाम कर दिया…
टूटे हुए पैमाने में कभी जाम नहीं आता;
इश्क़ के मरीज़ों को कभी आराम नहीं आता;
ऐ दिल तोड़ने वाले तुमने यह नहीं सोचा;
कि टूटा हुआ दिल कभी किसी के काम नहीं आता।
खूबसूरत रोमांटिक शायरी
बंद कर दिए है हमने
तो दरवाजे इश्क के
पर कमबख्त तेरी यादें तो
दरारों से ही चली आई
इश्क ओर दोस्ती मेरे दो जहान है,
इश्क मेरी रुह, तो दोस्ती मेरा ईमान है,
इश्क पर तो फिदा करदु अपनी पुरी जिंदगी,
पर दोस्ती पर, मेरा इश्क भी कुर्बान है..
वो करते हैं बात इश्क़ की,
पर इश्क़ के दर्द का उन्हें एहसास नहीं,
इश्क़ वो चाँद है जो दिखता तो है सबको,
पर उसे पाना सब के बस की बात नही..!
इश्क के धागे से बांधा ही नहीं मैंने तुझे कभी…
रूह के हर रेशे से जुड़ा है तेरा-मेरा रिश्ता…
प्यार था , मोहब्बत थी , इश्क़ था , अदा थी ,
सब कुछ था उस हसीन मैं !!
इस दिल को किसी की आहट की आस रहती है,
निगाह को किसी सूरत की प्यास रहती है,
तेरे बिना जिन्दगी में कोई कमी तो नही,
फिर भी तेरे बिना जिन्दगी उदास रहती है॥
क्यो इश्क की उम्र नही होती
वो आग है जो कम नही होती
दरमियां हो दूरियां चाहे जितनी
क्यो नज़दीकियां कम नही होती.!!
इश्क़ पर ज़ोर नहीं है ये वो आतिश ‘ग़ालिब’
कि लगाए न लगे और बुझाए न बने…
हुआ ही क्या जो वो हमें मिला नहीं
बदन ही सिर्फ़ एक रास्ता नहीं
इश्क की गहराईयों में खूबसूरत क्या है
एक मैं हूँ एक तुम हो और ज़रुरत क्या है !
शायरी लव रोमांटिक
कौन कहता है अरेंज मैरिज
में प्यार कम होता है
अगर निभाने वाला हो
तो इश्क बेशुमार होता है..!!
तुम को हज़ार शर्म सही मुझ को लाख ज़ब्त
उल्फ़त वो राज़ है कि छुपाया न जाएगा
आपके इश्क़ का ऐलान बने बैठे हैं,
हम फ़क़ीरी में भी सुल्तान बने बैठे हैं,
मैं अपनी पहचान बताऊँ तो बताऊँ कैसे,
जबकि हम ख़ुद तेरी पहचान बने बैठे हैं ।
घटे तो चैन नहीं है बढ़े तो चैन नहीं
हमें लगा है ये क्या रोग कोई पहचाने..
अपनों की महफिल में गैर भी हैं इश्क के दुश्मन
और भी हैं मैं तो चाहता हूँ
आपको मगर आपके चाहने
वाले और भी हैं !
गर बाज़ी इश्क़ की बाज़ी है,
जो चाहो लगा दो डर कैसा
गर जीत गए तो क्या कहना,
हारे भी तो बाज़ी मात नहीं..
सुकून है मेरी जिंदगी में तेरे आने से
मोहब्बत गहरी होती जा रही है
मेरी तेरी बाहो में आने से.!
इन्हीं पत्थरों पे चल कर अगर आ सको तो आओ
मिरे घर के रास्ते में कोई कहकशाँ नहीं है..
वो प्यार जो हकीकत में प्यार होता है,
जिन्दगी में सिर्फ एक बार होता है,
निगाहों के मिलते मिलते दिल मिल जाये,
ऐसा इतेफाक सिर्फ एक बार होता है।
Galti ka ehsaas shayari images
टॉप लव शायरी
इश्क एक नशा है दिल की चाहत है
दिलों का सरूर प्यार हो जाता है
नजरों से किसकी खता किसका कसूर !
इश्क़ का रोग कि दोनों से छुपाया न गया
हम थे सौदाई तो कुछ वो भी दिवाने निकले..
फिर उसी बेवफ़ा पे मरते हैं
फिर वही ज़िंदगी हमारी है…
इश्क का दस्तूर ही ऐसा है
जो इस को जन लेता है
ये उसकी जान लेता है !
इश्क़ नाज़ुक मिज़ाज है बेहद
अक़्ल का बोझ उठा नहीं सकता!
और भी दुख हैं ज़माने में मोहब्बत के सिवा
राहतें और भी हैं वस्ल की राहत के सिवा..
हमने न रखी तेरे सिवा
किसी से मोहब्बत की आस,
एक तु ही बहुत है,
मुझे ज़िन्दगी भर तडपाने के लिये ।
जिसे इश्क़ का तीर कारी लगे
उसे ज़िंदगी क्यूँ न भारी लगे !
इश्क़ का रोग लगा है कई बरसों से मुझे
किस लिए मुझ को ये फिर दुनिया दवा देती है
दिल-ए-नादाँ तुझे हुआ क्या है
आख़िर इस दर्द की दवा क्या है..
इश्क़ है या कुछ और ये तो
पता नहीं पर जो तुमसे है
वो किसी और से नही!
शायरी लव रोमांटिक SMS
मोहब्बत में नहीं है फ़र्क़ जीने और मरने का
उसी को देख कर जीते हैं जिस काफ़िर पे दम निकले
मजबूती से बाँहों में
इस क़दर थाम लूँ तुझे
कि मेरे इश्क़ की कैद से
तू चाह कर भी ना छूटे।
इबादत ए इश्क बस इतना है तु रहे
सदा पास मेरे मै रहू सदा एहसासो मे तेरे!
इश्क़ आसाँ है मगर रोग है दीवानों का
बार-ए-ग़म यूँही बहुत है उसे दो-चंद न कर..
नींद उस की है दिमाग़ उस का है रातें उस की हैं
तेरी ज़ुल्फ़ें जिस के बाज़ू पर परेशाँ हो गईं..
इश्क़ इक भारी पत्थर है
कब ये तुझ ना तवाँ से उठता है!
इश्क़ नाज़ुक-मिज़ाज है बेहद
अक़्ल का बोझ उठा नहीं सकता
तुझ से दूर रहकर
मोहब्बत बढ़ती जा रही हैं,
क्या कहूँ कैसे कहूँ
ये दुरी तुझे और करीब ला रही हैं।
इश्क़ में पहले तो बीमार बना देते हैं
फिर पलटते ही नहीं रोग लगाने वाले
इश्क़ से तबीअत ने ज़ीस्त का मज़ा पाया
दर्द की दवा पाई दर्द-ए-बे-दवा पाया
गजब लव शायरी 2 Line
बंद कर दिए हैं हमने
तो दरवाजे इश्क के
पर कमबख़्त तेरी यादें
तो दरारों से ही चली आई !
मुझ से तो दिल भी मोहब्बत में नहीं ख़र्च हुआ
तुम तो कहते थे कि इस काम में घर लगता है
प्यार तो प्यार है इसमें तकरार क्या,
इश्क तो दिल की अमानत है इससे इंकार क्या,
मैं तो दिन रात तड़पता हूँ तेरी याद में,
तू भी है मेरे इश्क में बेकरार क्या?
उस की याद आई है साँसो ज़रा आहिस्ता चलो
धड़कनों से भी इबादत में ख़लल पड़ता है…
मोहब्बत में नहीं है फ़र्क़
जीने और मरने का
उसी को देख कर जीते हैं
जिस काफ़िर पे दम निकले
मैं भी हुआ करता था वकील इश्क
वालों का कभी नज़रें उससे क्या मिलीं
आज खुद कटघरे में हूँ !
मुझे इश्क़ रब से है तो इबादत है,
मुझे इश्क यारो से है तो इनायत है,
मुझे इश्क़ तुझसे है तो किस्मत है,
और तुझे इश्क़ मुझसे है तो जन्नत है।
अज़ीज़ इतना ही रक्खो कि जी सँभल जाए
अब इस क़दर भी न चाहो कि दम निकल जाए…
इश्क़ ने हमे बेनाम कर दिया,
हर खुशी से हमे अंजान कर दिया,
हमने तो कभी नही चाहा के हमे भी मोहब्बत हो,
लेकिन आप की एक नज़र ने हमे नीलाम कर दिया ।
तेरे इश्क़ में हर इम्तिहान दे देंगे
हमे है तुमसे मोहब्बत
सारी दुनिया से कह देंगे
शायरी लव रोमांटिक 2 Line
वो तो ख़ुश-बू है हवाओं में बिखर जाएगा
मसअला फूल का है फूल किधर जाएगा…
इश्क़ पर ज़ोर नहीं है ये वो आतिश ‘ग़ालिब’
कि लगाए न लगे और बुझाए न बने
तुम बिन मैं एक सुर हूँ
तुम मिलो तो सरगम बन जाऊँ,
तुम बिन मैं एक लम्हा हूँ
तुम मिलो तो दास्ताँ लिख जाऊँ ।
इश्क़ फिर इश्क़ है जिस रूप में जिस भेस में हो
इशरत-ए-वस्ल बने या ग़म-ए-हिज्राँ हो जाए
खुशबू से है वो जब आसपास भी नहीं होते
फिर भी महसूस होते है।
इश्क़ का उम्र से,होता कहाँ है नाता,
रहमत हो खुदा की तो ये मुकाम है आता,
हज़ारों चेहरों में वो एक चेहरा दिल को भाता,
उस चेहरे के सिवा कुछ और ना नज़र आता।
इश्क से तबीअत ने ज़ीस्त का मज़ा पाया
दर्द की दवा पाई दर्द-ए-बे-दवा पाया
कोहरा सा बनकर मेरे दिल पे छा गए हो
तुम्हारे सिवाय कुछ दिखता ही नहीं !